आइएनएक्स मीडिया मनी लांडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम (74) की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया। ईडी ने दावा किया कि चिदंबरम ने वित्त मंत्रलय के प्रभावशाली कार्यालय का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया और कालेधन को छिपाने के लिए उसकी लांडिंग की।
सुप्रीम कोर्ट में दायर जवाबी हलफनामे में ईडी का कहना है कि चिदंबरम को जमानत पाने का अधिकार नहीं है क्योंकि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि वह सुबूतों को मिटाने और गवाहों को प्रभावित करने में शामिल रहे हैं। इसमें दावा किया गया है कि चिदंबरम बेहद बुद्धिमान और प्रभावशाली व्यक्ति हैं और इस चरण में उनकी उपस्थिति मात्र ही गवाहों को भयभीत कर सकती है। ईडी का कहना है, उसके पास तीन ऐसे गवाहों के बयान हैं जिन्होंने कहा है कि उन्हें जांच में शामिल नहीं होने और ईडी को कोई भी तथ्य नहीं बताने के लिए संपर्क करके प्रभावित किया गया था और दबाव बनाया गया था।
बता दें कि चिदंबरम ने दिल्ली हाई कोर्ट के 15 नवंबर के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया गया था।